MP के पहले फ्रूट फॉरेस्ट की कमान संभालेंगी लाड़ली बहनें, इस जिले से होगी शुरुआत

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मध्य प्रदेश की धरती पर अब हरियाली सिर्फ पर्यावरण की नहीं, लाड़ली बहनें की आत्मनिर्भरता की भी कहानी बनेगी।
सागर जिला बनने जा रहा है प्रदेश का पहला ऐसा क्षेत्र जहां 10 लाख फलदार पौधों का फ्रूट फॉरेस्ट तैयार किया जाएगा और इसकी कमान महिलाओं के हाथों में होगी। जिससे महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा और महिलाएं आगे भी बढ़ेंगी। 

हरियाली के साथ आत्मनिर्भरता की ओर कदम

मध्यप्रदेश सरकार ने जुलाई से सागर जिले में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य है न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और महिला सशक्तिकरण को जमीनी स्तर पर लागू करना। इससे महिलाओं को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ तो मिल रहा है और अब इस तरह की नई परियोजना से लाड़ली बहनें अतिरिक्त आय भी करेंगी। 

10 लाख पौधों का होगा रोपण

सूत्रों के अनुसार पहले चरण में सागर जिले के चार विकास खंड चिन्हित किए गए हैं। हर क्षेत्र में करीब 1 लाख पौधे लगाए जाएंगे, जिनमें से शुरुआत में 30,000 पौधों का रोपण किया जाएगा। 2–3 वर्षों में सरकार का लक्ष्य सागर को “MP का पहला फ्रूट हब” बनाना है।

महिला स्वयं सहायता समूहों को मिली जिम्मेदारी

इस पूरे प्रोजेक्ट की देखरेख का जिम्मा महिला स्वयं सहायता समूहों (Self-Help Groups) को सौंपा गया है।
इन महिलाओं को पूर्व प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे सभी पौधों की देखरेख के साथ वर्मी कंपोस्ट, जैविक उर्वरक और सिंचाई प्रणाली को भी संभाल सकें।

फ्रूट फॉरेस्ट में लगाए जायेंगे ये फल

मध्य प्रदेश के सागर फ्रूट फॉरेस्ट में लगाए जाएंगे ये सभी फल –

  • नींबू
  • अमरूद
  • जामुन
  • आम
  • कटहल

इन सभी पौधों के लिए इरिगेशन सिस्टम को अटल भू-जल योजना के तहत लगाया जाएगा। साथ ही, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए वर्मी कंपोस्ट और जैविक खाद तैयार की जा रही है।

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फ्रूट फॉरेस्ट से होंगे ये फायदे

हरियाली बढ़ेगी – जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद
महिलाओं को मिलेगा रोजगार – परिवार चलाने में सहयोग
स्थानीय फल उत्पादन बढ़ेगा – बाजार में ताजे फल सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे
ग्रामीण अर्थव्यवस्था होगी मजबूत – स्वरोजगार के अवसर
राज्य को मिलेगा पहला “Frugivorous Forest” – पर्यटन की संभावना भी बढ़ेगी

“भारत का दिल” कहलाने वाला मध्यप्रदेश अब सिर्फ अपनी विरासत और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए ही नहीं, बल्कि अपने हरित विकास मॉडल और महिला सशक्तिकरण के लिए भी जाना जाएगा। क्या आपके शहर में भी ऐसा फ्रूट फॉरेस्ट बनना चाहिए? नीचे कमेंट में बताएं और खबर को शेयर करना न भूलें!

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  • Uma Hardiya author

    मैं Uma Hardiya हूं। मैं मध्य प्रदेश और देश की नीतियों, योजनाओं और सामाजिक मुद्दों पर लिखती हूं। कोशिश रहती है कि बातें आसान तरीके से लोगों तक पहुंचें।

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