मध्यप्रदेश – पहली बार बड़े पैमाने पर हुआ ट्रांसफर, 80 किलोमीटर दूर नौकरी करने भेजे गए कर्मचारी

Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

मध्यप्रदेश में बिजली कर्मचारियों के बीच इन दिनों बेचैनी का माहौल है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने पहली बार एक साथ लगभग 10 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों के तबादले कर दिए हैं। इनमें लाइन अटेंडेंट, सब-स्टेशन ऑपरेटर और कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें कई दिव्यांग और महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्हें ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में भेजा गया है।

10 किलोमीटर से लेकर 80 किलोमीटर दूर तक भेजे गए कर्मचारी

इन तबादलों में कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल से 10 किलोमीटर से लेकर 80 किलोमीटर तक दूर भेजा गया है। खास बात यह है कि यह तबादले सिर्फ एक-दो जिलों में नहीं बल्कि पूरे मप्र के अलग-अलग सर्किलों में किए गए हैं।

इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर ट्रांसफर

मप्र के किसी भी सरकारी विभाग में इतनी बड़ी संख्या में ट्रांसफर पहले कभी नहीं हुए। सिर्फ तीन दिनों में इतने तबादले होना अपने आप में हैरान करने वाला है।

  • भोपाल सिटी सर्किल – 568
  • रायसेन – 775
  • ग्वालियर सिटी – 502
  • भिंड – 620
  • दतिया – 386
  • श्योपुर – 592
  • अशोकनगर – 336

दिव्यांगों और महिलाओं पर भी गिरी गाज

सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इन ट्रांसफर में दिव्यांग कर्मचारियों और महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया। जहां 2018 में तब के एमडी विवेक पोरवाल ने दिव्यांगों और महिलाओं को ट्रांसफर से बाहर रखा था, इस बार उन्हें भी बिना सोच-समझे दूर-दराज क्षेत्रों में भेज दिया गया है। 300 से ज्यादा महिला कर्मचारी ऐसी जगहों पर ट्रांसफर कर दी गई हैं जहां आना-जाना बेहद कठिन है और सुरक्षा की भी चिंता बनी रहती है।

एरियर भी बाकी, ऊपर से तबादलों का बोझ

एक और बड़ी समस्या ये है कि करीब 11 महीने का एरियर अभी तक कर्मचारियों को नहीं मिला है। हालांकि हाईकोर्ट बेंच इंदौर और श्रमायुक्त के लिखित निर्देश भी आ चुके हैं, लेकिन तीन महीने बाद भी कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की।

अब जब अचानक ट्रांसफर कर दिए गए तो इन अल्प वेतन पाने वाले आउटसोर्स कर्मियों पर डीजल-पेट्रोल का खर्च ही वेतन का बड़ा हिस्सा निगल जाएगा।

हस्तक्षेप करने की अपील

मध्यप्रदेश के ये बिजली कर्मचारी पहले ही सीमित वेतन में अपने घरों का खर्च चला रहे थे, ऐसे में अचानक ट्रांसफर कर देना उनके लिए भरण-पोषण का संकट खड़ा कर रहा है। सरकार को चाहिए कि इन तबादलों पर पुनर्विचार करे और दिव्यांगों, महिलाओं और कम वेतन वाले कर्मचारियों को राहत प्रदान करे।

इसे भी पढ़ें –  61 लाख से ज्यादा लोगों को राशन मिलना बंद, देखिये क्या है कारण

यह सिर्फ ट्रांसफर नहीं है, बल्कि एक ऐसा फैसला है, जिसने हजारों परिवारों को चिंता में डाल दिया है। कहीं ये बिजली देने वाले खुद अंधेरे में न चले जाएं क्योंकि वेतन, दूरी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच ये कर्मचारी अब खुद टूटने लगे हैं।

Author

  • sirjppharmacycollege Logo

    एक लेखिका और रिपोर्टर के रूप में योजनाओं, शिक्षा, रोजगार, कर्मचारियों और सामाजिक विषयों से जुड़े मुद्दों पर सच और संवेदना के साथ लिखती हूँ। मेरी कोशिश  हर लेख पाठकों के दिल से जुड़े और उन्हें सोचने पर मजबूर कर दे।

Leave a Comment

Your Website