मध्यप्रदेश कैबिनेट बैठक – मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को मंत्रालय वल्लभ भवन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में एक अहम कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन सबसे प्रमुख बात रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित भोपाल दौरे की तैयारियां और नरसिंहपुर में संपन्न हुए किसान सम्मेलन का प्रभावशाली निवेश।
किसान सम्मेलन से आया 4736 करोड़ का निवेश, मिलेगा 6000+ लोगों को रोजगार
नरसिंहपुर में हाल ही में आयोजित किसान सम्मेलन में जिस प्रकार से उद्योग और निवेशकों का समर्थन मिला, वह राज्य के लिए game-changer साबित हो सकता है। राज्य सरकार के अनुसार, इस आयोजन से कुल ₹4736 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है, जिससे आने वाले समय में 6000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। यह कदम कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में निर्णायक सिद्ध होगा।
पीएम मोदी के भोपाल दौरे की तैयारी को लेकर गहन समीक्षा
बैठक में 30 मई को होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल दौरे को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस हाई-प्रोफाइल विज़िट को सफल और सुव्यवस्थित बनाने के लिए संबंधित विभागों को coordinated action के निर्देश दिए।
बैठक में सुरक्षा व्यवस्था, ट्रैफिक मैनेजमेंट, पब्लिक पार्टिसिपेशन और कार्यक्रम स्थल की लॉजिस्टिक्स को लेकर ठोस planning पर बल दिया गया।
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सीएम मोहन यादव का स्पष्ट निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि “हर छोटी-बड़ी तैयारी को deadline के भीतर पूरा किया जाए, ताकि आयोजन में किसी प्रकार की चूक न हो।” उन्होंने अधिकारियों से ground-level updates लेते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि इस कार्यक्रम में सुनियोजित और अनुशासित व्यवस्था दिखाई देनी चाहिए।
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राजा भभूत सिंह की स्मृति में अगली कैबिनेट मीटिंग
एक अहम ऐलान के तहत मुख्यमंत्री ने बताया कि अगली कैबिनेट बैठक 3 जून को मध्य प्रदेश के खूबसूरत हिल स्टेशन पचमढ़ी में आयोजित की जाएगी। यह बैठक जनजातीय नायक राजा भभूत सिंह की स्मृति को समर्पित होगी, जो पचमढ़ी की ऐतिहासिक विरासत को एक नई पहचान देगी। चाहे वो पीएम मोदी के दौरे की हाई-लेवल तैयारी हो या किसान सम्मेलन से आया भारी निवेश सरकार की योजनाएं अब जमीनी स्तर पर नज़र आने लगी हैं।
इसके साथ पचमढ़ी में अगली मीटिंग होने का निर्णय भी संकेत है कि सरकार केवल शहरी नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और ग्रामीण दृष्टिकोण से भी समान रूप से सक्रिय है।