मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी खबर – हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों में मची खलबली, एक साथ हुआ 10,000 तबादले 

Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

मध्यप्रदेश में बिजली विभाग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने हाल ही में एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे प्रदेश भर के हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों में खलबली मच गई है। आपको बता दें लगभग 10,000 कर्मचारियों का तबादला किया गया है।

एक साथ हुआ 10,000 तबादले 

बीते कुछ दिनों में कंपनी ने रिकॉर्ड स्तर पर लगभग 10 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों के तबादले कर दिए हैं। इसमें लाइन अटेंडेंट, सब-स्टेशन ऑपरेटर और कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे तकनीकी पदों पर कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं। इन कर्मचारियों को 10 किमी से लेकर 80 किमी तक दूर-दराज इलाकों में ट्रांसफर किया गया है।

कई कर्मचारियों को जानकारी तक नहीं दी गई कि उन्हें कब और कहां ज्वॉइन करना है जिससे उनकी निजी और आर्थिक स्थिति दोनों पर सीधा असर पड़ा है। 

कहां से हुए कितने ट्रांसफर

यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर स्थानांतरण हुआ है। आंकड़ों पर नजर डालें तो ट्रांसफर की लिस्ट कुछ यूं है

  • भोपाल सिटी सर्कल: 568
  • भोपाल संचा.संधा. वृत्त: 805
  • रायसेन: 775
  • सीहोर: 560
  • राजगढ़: 1009
  • होशंगाबाद: 790

यह भी पढ़ें –  अगर आप भी है वकील बनने का सपना तो यहाँ देखिये बिना डिग्री के कैसे बनें वकील ?

  • ग्वालियर सिटी सर्कल: 502
  • ग्वालियर ओ एंड एम सर्कल: 452
  • मुरैना: 552
  • भिंड: 620
  • दतिया: 386
  • शिवपुरी: 588
  • श्योपुर: 592
  • अशोक नगर: 336

दिव्यांग और महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस ट्रांसफर लिस्ट में दिव्यांग कर्मचारी और महिला कर्मी भी शामिल हैं।
करीब 300 से ज्यादा महिला आउटसोर्स कर्मचारियों को ऐसे इलाकों में भेजा गया है जहाँ सुरक्षा, ट्रांसपोर्ट और सुविधा की भारी कमी है। इससे पहले, 2018 में जब तबादले हुए थे, तब दिव्यांगों और महिलाओं को इससे अलग रखा गया था।

आर्थिक बोझ ने तोड़ी कमर

इन ट्रांसफर से आउटसोर्स कर्मियों की जेब पर सीधा असर पड़ा है। इनमें से ज्यादातर कर्मचारी पहले ही 11 महीने के एरियर का इंतजार कर रहे हैं और अब तबादले के बाद उनके लिए डेली ट्रैवल करना और खर्च उठाना भारी पड़ रहा है।

यह भी पढ़ें –  जाह्नवी मल्होत्रा ने किया प्रदेश का नाम रोशन, बन गई Miss Universe

कम वेतन में काम करने वाले इन कर्मियों को अपनी आधी सैलरी तो आने-जाने के डीजल-पेट्रोल में ही लगानी पड़ रही है। यह स्थिति आर्थिक रूप से उन्हें और कमजोर बना रही है। इस पूरी स्थिति को लेकर मप्र बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने नाराज़गी जताई है और सीधे मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है।

Author

  • sirjppharmacycollege Logo

    एक लेखिका और रिपोर्टर के रूप में योजनाओं, शिक्षा, रोजगार, कर्मचारियों और सामाजिक विषयों से जुड़े मुद्दों पर सच और संवेदना के साथ लिखती हूँ। मेरी कोशिश  हर लेख पाठकों के दिल से जुड़े और उन्हें सोचने पर मजबूर कर दे।

Leave a Comment

Your Website