विधवा महिलाओं को ₹3000 हर महीने – हरियाणा सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐसा कदम उठाया है, जिसे अब पूरे देश में मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विधवा महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता की राह दिखाते हुए उनकी मासिक पेंशन राशि को ₹3000 तक बढ़ा दिया है।
सीधा बैंक खाते में ₹3000 हर महीने की पक्की मदद
इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली ₹3000 की पेंशन सीधे महिला के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। इससे न केवल सिस्टम में transparency बनी रहती है, बल्कि corruption की संभावना भी काफी हद तक कम हो जाती है। हर महीने का ये आर्थिक सहयोग उन महिलाओं के लिए संबल बनता है जो अपने परिवार को अकेले संभाल रही हैं।
पेंशन राशि हो सकती है और भी ज्यादा
हरियाणा सरकार ने साफ कर दिया है कि यह योजना यहीं नहीं रुकेगी।
भविष्य में इस पेंशन राशि को और भी बढ़ाया जा सकता है ताकि महिलाएं अपने बच्चों की education, healthcare, और रोजमर्रा की ज़रूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकें।
अन्य राज्यों में क्या है हाल
हरियाणा की तुलना में कई बड़े राज्यों में विधवा पेंशन की राशि अब भी बहुत कम है
- उत्तर प्रदेश: ₹1000 प्रति माह
- महाराष्ट्र: ₹900 प्रति माह
- दिल्ली: ₹2500 (तीन महीने में एक बार)
- राजस्थान: ₹750 प्रति माह
- उत्तराखंड: ₹1200 प्रति माह
- गुजरात: ₹1250 प्रति माह
इन आंकड़ों को देखकर साफ है कि हरियाणा की ₹3000 वाली स्कीम देश में सबसे effective और supportive मानी जा रही है।
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें
इस योजना का आवेदन अब पूरी तरह online हो चुका है। महिलाएं घर बैठे ही इस योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं।
जरूरी दस्तावेज़ जैसे-
- पति का मृत्यु प्रमाण पत्र
- विवाह प्रमाण (Marriage Certificate या अन्य)
- आय प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड व बैंक पासबुक की कॉपी
इन सभी को स्कैन कर वेबसाइट पर अपलोड करना होता है। ऑनलाइन प्रक्रिया से जहां योजना की पारदर्शिता बढ़ी है, वहीं accessibility भी पहले से बेहतर हुई है।
एक आत्मनिर्भर समाज की ओर बढ़ता हरियाणा
हरियाणा सरकार की यह योजना केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि यह उन हजारों महिलाओं के लिए एक नई शुरुआत है, जो जीवन में अकेली पड़ गई थीं। आज कई महिलाएं इसी पेंशन के सहारे अपने बच्चों की schooling, nutrition, और बाकी ज़रूरतें पूरी कर रही हैं।
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हरियाणा की यह पहल आज पूरे देश के लिए role model बनती जा रही है। यदि दूसरे राज्य भी इसी तरह से अपने योजनाओं को expansion mode में लें और पेंशन की राशि को बढ़ाएं, तो भारत की विधवाएं एक सशक्त और सुरक्षित जीवन जी सकती हैं।