MP News: अब MP में प्रमोशन में होगा आरक्षण का इंतज़ाम, पहले SC-ST, फिर बाकी सभी को मौका मिलेगा। मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के प्रमोशन में बड़ी सुविधा ला दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और कैबिनेट की टीम ने नए ड्राफ्ट पर सहमति दे दी है, जिसमें पदोन्नति पदों को तीन हिस्सों में बाँटने की व्यवस्था की गई है।
अब पहले SC‑ST उम्मीदवारों को अवसर मिलेगा, और फिर बाकी पद सभी वर्गों के लिए खुले रहेंगे। इसका मतलब साफ है – 16% पद SC, 20% पद ST के लिए आरक्षित रहेंगे।
कैसी होगी नई पदोन्नति प्रक्रिया?
अब हर विभाग में हो रही पदों की रिक्तता को सबसे पहले आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए तय किया जाएगा। मान लें किसी विभाग में 100 पद रिक्त हैं, तो पहले उसमें से 16 पद SC के लिए और 20 पद ST के लिए तय किए जाएंगे। इसके बाद शेष 64 पद सभी वर्गों के कर्मचारियों के लिए खुलेंगे। यही व्यवस्था अब से सभी पदों पर लागू होगी।
क्लास वन और नीचे के पदों का फॉर्मूला
क्लास‑वन अधिकारियों के लिए ‘Merit-cum-Seniority’ का फॉर्मूला अपनाया जाएगा, जिसमें मेरिट पहले और सीनियोरिटी बाद में देखी जाएगी। वहीं दूसरे, तीसरे क्लास के पदों के लिए ‘Seniority-cum-Merit’ रणनीति का प्रयोग होगा। साथ ही गोपनीय चरित्रावली (ACR) रिपोर्ट को महत्वपूर्ण माना जाएगा। यदि किसी अधिकारी की पिछले दो सालों में कम से कम एक चुना गया हो या सात साल में चार बार A Plus ग्रेड प्राप्त किया हो, तो वह पदोन्नति में शामिल होगा।
ACR रिपोर्ट में गलती तो
अगर किसी कर्मचारी की ACR रिपोर्ट में कोई गलती होती है और वह उसकी वजह से दोषी पाया जाता है, तो उसका नाम DPC लिस्ट में नहीं आएगा। पहले ऐसी स्थिति में पद खाली छोड़ दिया जाता था, लेकिन अब इन पदों का लाभ दूसरों को मिलेगा। बाकी, जो प्रमोशन पहले से हो चुका है, उसे निर्धारित तरीके से जारी रखा जाएगा और रिटायर हुए कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। यही दिन नियम नोटिफिकेशन के साथ लागू माने जाएंगे।
DPC की बैठक हर साल उम्मीदवारों की संख्या भी दोगुनी
एक जनवरी से दिसंबर तक रिक्त पदों की संख्या की गिनती होगी और हर वर्ष सितंबर से नवंबर के बीच DPC बैठक आयोजित की जाएगी। इसके तहत प्रत्येक पद के लिए मूलतः पद का दोगुना उम्मीदवार और अतिरिक्त चार नाम भी शामिल किए जाएंगे। यानी अगर किसी पद के लिए छह रिक्तियां हैं, तो कुल मिलाकर 16 नाम DPC सूची में आएंगे।
तबादला तारीख बढ़ाकर 17 जून हुई
प्रमोशन के साथ-साथ इस साल मुख्यमंत्री ने तबादला नीति में देरी का भी निर्णय लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल में देरी के कारण अंतिम तारीख 17 जून कर दी गई है। हालांकि नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस फैसले का विरोध जताया, लेकिन बाकी मंत्रियों की सहमति से तारीख आगे बढ़ाई गई है।
कर्मचारियों में नई व्यवस्था को लेकर उत्साह और आशा है। SC-ST वर्ग के कर्मचारियों को पहले मौका देने से उनमें भरोसा बढ़ेगा। कुछ कर्मचारियों का मानना है कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और प्रमोशन प्रक्रिया निष्पक्ष होगी। वहीं, कुछ अन्य वर्ग के लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या इससे वे पीछे हो सकेंगे? कुल मिलाकर लोगों को उम्मीद है कि सीनियोरिटी और मेरिट का संतुलन बना रहेगा और बाहरी दबाव प्रमोशन प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करेगा।
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इस नए नियम से MP का प्रमोशन सिस्टम और पारदर्शी, न्यायपूर्ण और समाज के हर तबके के लिए बराबरी के अवसर प्रदान करने वाला बन सकेगा। अब SC-ST को समय पर प्रमोशन मिलेगा, बाकी पद भरने में देरी की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और प्रक्रिया स्पष्ट हो जाएगी।
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