मध्य प्रदेश के छोटे शहरों का तेजी से कायाकल्प किया जा रहा है। अब शिवपुरी ज़िले की तस्वीर भी जल्द बदलने वाली है। शिवपुरी नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा देने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। इससे न सिर्फ शहरी ढांचे में विकास की रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि 15 पंचायतों की किस्मत भी बदलने जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश सरकार की योजना के तहत शिवपुरी नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा देने की प्रक्रिया ज़ोरों पर है। तीसरी बार संशोधित प्रस्ताव नगरीय निकाय विभाग को भेजा गया है जिसमें 15 ग्राम पंचायतों को नगर निगम सीमा में शामिल किया गया है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट बैठक में रखा जाना बाकी है और मंजूरी मिलते ही शिवपुरी को नगर निगम की सौगात मिल जाएगी।
MP की 15 पंचायतों का बदलेगा नक्शा
संशोधित प्रस्ताव में MP की 15 पंचायतों का बदलेगा नक्शा और इन 15 पंचायतों में इन्हे शामिल किया गया है।
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चंदनपुरा
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सिंहनिवास
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नोहरीकलां
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ठर्रा
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दर्रोनी
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ईटमा
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पिपरसमा
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रायश्री
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सतेरिया
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बांसखेड़ी
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बड़ागांव
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रातौर
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पड़ोरा सड़क
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सेंसई सड़क
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वेंहटा
इन पंचायतों के साथ कुछ छोटे गांव/टोलों) को भी प्रस्ताव में शामिल किया गया है।
क्षेत्रफल और जनसंख्या में भारी इज़ाफा
नगर निगम बनने के बाद शिवपुरी का कुल क्षेत्रफल 86 वर्ग किमी से बढ़कर 241 वर्ग किमी हो जाएगा। वहीं प्रस्ताव में 3 लाख की आबादी का अनुमान लगाया गया है, जबकि हकीकत में यह आंकड़ा इससे अधिक हो चुका है।
देखें और क्या-क्या बदलेगा?
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वार्डों की संख्या: 39 से बढ़कर करीब 50 हो सकती है।
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प्रशासनिक ढांचा: अब नगर निगम में महापौर और आयुक्त का पद होगा, जो सीधे राज्य सरकार के अधीन काम करेगा। अभी नगर पालिका अध्यक्ष और सीएमओ का प्रबंधन होता है।
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बजट में बृद्धि: नगर निगम बनते ही बजट करोड़ों से बढ़कर अरबों में पहुंच जाएगा, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर, सफाई, ट्रांसपोर्ट, स्ट्रीट लाइट्स, जल आपूर्ति आदि में तेज़ी से सुधार होगा।
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देखें क्यों पिछली बार प्रस्ताव हुए थे खारिज?
पहले दो प्रस्तावों में कुछ पंचायतों की दूरी अधिक थी और कुछ ने सहमति नहीं दी थी। इसी वजह से भोपाल स्तर से प्रस्ताव निरस्त कर दिए गए थे। इस बार जिला प्रशासन ने हर विभाग से सहमति पत्र लिया है और दूर के वन ग्रामों को हटाकर सटीक प्रस्ताव तैयार किया है।
शिवपुरी जैसे ज़िलों का नगर निगम में अपग्रेड होना सिर्फ राजनीतिक या कागजी बदलाव नहीं है। यह विकास की उन जरूरतों को मान्यता देना है, जो ज़मीनी स्तर पर लोग रोज महसूस करते हैं। नए रोड, जल योजना, स्मार्ट स्ट्रीट लाइट्स, कचरा प्रबंधन, और IT-बेस्ड गवर्नेंस जैसे कई बदलाव अब ग्रामीण सीमाओं तक पहुंचेगें। और पहले से कहीं ज्यादा तीव्र गति से हम यहाँ का विकास देख सकते हैं।
शिवपुरी नगर निगम का बनना न सिर्फ शहर के लिए बल्कि उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों के लिए भी अच्छा है। बुनियादी सुविधाएं, विकास योजनाएं, और प्रशासनिक गति सभी में व्यापक बदलाव आएगा। उम्मीद है कि इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी और शिवपुरी को उसका हक मिलेगा।
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