चौथे समयमान वेतनमान: मध्यप्रदेश के 1.5 लाख से भी अधिक शिक्षकों के लिए राहत की बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से जिस चौथे समयमान वेतनमान (Time Scale Pay Grade) का इंतज़ार किया जा रहा था, अब वह इंतजार खत्म होने की कगार पर है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भेजे गए इस प्रस्ताव को वित्त विभाग से स्वीकृति मिल चुकी है, और अब यह अगली कैबिनेट बैठक में पेश होने जा रहा है।
3 जून की कैबिनेट में आ सकता है प्रस्ताव
खबर है कि यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव 3 जून को पचमढ़ी में आयोजित होने वाली कैबिनेट बैठक में रखा जा सकता है। इसके बाद मुख्य सचिव कार्यालय से आदेश जारी होंगे, और शिक्षकों की सैलरी में ₹3,000 से ₹7,000 प्रति माह तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
किन-किन शिक्षकों को मिलेगा सीधा लाभ
यह वेतनमान प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, सहायक शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षक और प्रधानाध्यापक संवर्ग पर लागू होगा। यह निर्णय खासकर 35 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों के लिए एक बड़ा तोहफा साबित होगा। चौथा समयमान वेतनमान, 7वें वेतन आयोग के आधार पर लागू किया जाएगा। इसमें ग्रेड पे और वेतन स्तर के अनुसार सैलरी में बढ़ोतरी की जाएगी।
संभावित बढ़ोतरी –
पद | अनुमानित वृद्धि (₹) | अनुमानित लाभार्थी |
---|---|---|
प्राथमिक शिक्षक | ₹3,000 तक | 40,000 शिक्षक |
माध्यमिक शिक्षक | ₹3,000 – ₹4,500 | 52,000 शिक्षक |
सहायक शिक्षक | ₹4,000 – ₹5,000 | 20,000 शिक्षक |
उच्च श्रेणी शिक्षक | ₹5,000 – ₹7,000 | 10,000 शिक्षक |
प्रधानाध्यापक | ₹6,000 – ₹7,000 | 10,000 शिक्षक |
इन जिलों में सबसे ज्यादा शिक्षक होंगे लाभान्वित
राज्य के प्रमुख शहरों में बड़ी संख्या में शिक्षक इस योजना के तहत आएंगे। जैसे:
- इंदौर – 15,000 शिक्षक
- भोपाल – 12,000 शिक्षक
- ग्वालियर – 10,000 शिक्षक
- जबलपुर – 9,000 शिक्षक
- उज्जैन – 8,000 शिक्षक
यह आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि यह निर्णय प्रदेश के हर कोने में हजारों परिवारों की आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक असर डालेगा।
शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पहले इस योजना की घोषणा की थी। लेकिन विधानसभा और फिर लोकसभा चुनावों के बीच यह मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया था। अब नई सरकार ने इसे दोबारा सक्रिय करते हुए फाइल को मंजूरी के लिए आगे बढ़ा दिया है।
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शिक्षक संगठनों ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही इसका प्रभाव शीघ्र दिखाई देगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के फैसलों से शिक्षकों का मनोबल बढ़ता है और शिक्षा व्यवस्था और मजबूत होती है।