MP News – मध्यप्रदेश में एक बार फिर नए ज़िले की माँग ज़ोर पकड़ रही है। इस बार मुद्दा है डिंडौरी ज़िले की शहपुरा तहसील को स्वतंत्र जिला बनाए जाने का यह कोई नई माँग नहीं है, इससे पहले भी यहाँ की जनता कई बार गुहार लगा चुकी है लेकिन अब यह आंदोलन एक नए मोड़ पर है।
शहपुरा को जिला बनाओ
शहपुरा जिला बनाओ संघर्ष समिति ने इस माँग को लेकर वर्षों से आंदोलन जारी रखा है। कई बार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद और विधायकों तक ज्ञापन और पत्राचार किए गए लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल सरकार की तरफ़ से नहीं हुई है। इस मुद्दे को लेकर हाल ही में शहपुरा विश्रामगृह में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें जनप्रतिनिधियों, नागरिकों और सामाजिक संगठनों की बड़ी भागीदारी देखी गई।
जनप्रतिनिधियों का खुला समर्थन
इस बैठक में मौजूद रहे शहपुरा विधायक व भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे ने आंदोलन का पूरा समर्थन किया। उनका कहना था कि अगर निवास को ज़िला बनाया गया तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे। शहपुरा हर स्तर पर ज़िला बनने के योग्य है और हमें हमारा हक़ मिलना चाहिए।
इसे भी पढ़ें – मध्यप्रदेश के इस जिले के नदी पर बन रहा है 1400 करोड़ रुपए की लागत से बांध, इन नगरों को होगा बड़ा फायदा
‘निवास नहीं, शहपुरा बने जिला’ – जनता की मांग
शहपुरा तहसील अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एड. दयाराम साहू ने भी बैठक में कहा शहपुरा की भौगोलिक स्थिति, राजनीतिक प्रभाव, और प्रशासनिक दक्षता इसे जिला बनाने के लिए सबसे उपयुक्त बनाते हैं। निवास की जगह शहपुरा को जिला घोषित किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, उमरिया, मंडला, जबलपुर और डिंडौरी ज़िलों के कई गांव भी शहपुरा जिले में शामिल होने के इच्छुक बताए गए हैं।
किसानों की भी पुरानी माँग
भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री एडवोकेट निर्मल कुमार साहू ने भावुक स्वर में कहा यह माँग कोई राजनीतिक ड्रामा नहीं है, बल्कि सालों पुरानी आवाज़ है। सरकार को चाहिए कि इसे प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द स्वीकार करे।
इसे भी पढ़ें – एमपी के प्रशिक्षण पूरा करने वालों 43 हजार अधिकारी-कर्मचारियों का होगा प्रमोशन, हो गए रजिस्टर्ड
शहपुरा को जिला बनाने की माँग अब केवल एक क्षेत्रीय माँग नहीं रह गई, बल्कि यह एकजुट जनता की आवाज़ बन चुकी है। सवाल यह है कि क्या सरकार इस बार जनता की भावनाओं को समझेगी या फिर यह माँग एक बार फिर कागज़ों में दबकर रह जाएगी इस पर अभी सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।