Six Lane Highway: मध्यप्रदेश के दो बड़े शहरों इंदौर और उज्जैन के बीच सफर करने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। आने वाले समय में इन दोनों शहरों को जोड़ने वाला एक सिक्स लेन हाईवे (Indore-Ujjain Six Lane Highway) तैयार होने जा रहा है। ये प्रोजेक्ट न सिर्फ विकास का रास्ता खोलेगा, बल्कि इससे हजारों गांवों की किस्मत भी बदल सकती है। लेकिन इस विकास के रास्ते पर एक सवाल खड़ा हो गया है, इन हज़ारों पेड़ों का क्या होगा जो इस हाईवे के बीच में आ रहे हैं?
हरे पेड़ों के बीच से गुज़रेगा हाईवे लगभग 3000 पेड़ कटने की कगार पर
प्रोजेक्ट की जानकारी से पता चला है कि करीब 3000 पेड़ इस नए हाईवे के निर्माण में बाधा बन रहे हैं। इन पेड़ों को या तो ट्रांसप्लांट किया जाएगा (पुनर्स्थापित) या अगर यह संभव नहीं हुआ तो इन्हें काटना पड़ेगा।
इंदौर से उज्जैन की ओर इस मार्ग का कई जगह पर बेस तैयार हो चुका है। यानी जमीन समतलीकरण और नींव का काम तेज़ी से चल रहा है। परंतु “विकास बनाम पर्यावरण” की यह बहस एक बार फिर से तेज हो गई है।
पहले वाली सड़क ही बनेगी अब सिक्स लेन
इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि पूरी तरह नई सड़क बनाने की बजाय, मौजूदा सड़क को चौड़ा करके सिक्स लेन में तब्दील किया जाएगा। इससे निर्माण की लागत और समय दोनों की बचत होगी। निर्माण कार्य की समयसीमा दो साल तय की गई है। यानी अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो दो साल में यह हाईवे जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
लागत, योजना और निर्माण की जिम्मेदारी किसकी?
इस हाईवे की कुल लंबाई 44.6 किलोमीटर होगी और इसके निर्माण पर ₹623.95 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसका काम एमपीआरडीसी (MPRDC) यानी मध्यप्रदेश रोड डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन को सौंपा गया है। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ इंदौर और उज्जैन की कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा, बल्कि आने वाले सिंहस्थ मेले को ध्यान में रखते हुए इसे प्राथमिकता दी जा रही है।
- इंदौर और उज्जैन के बीच सफर और भी आसान और तेज़ होगा।
- ईंधन और समय दोनों की बचत होगी, जिससे ड्राइवरों की जेब पर असर कम होगा।
- रास्ते में आने वाले सैकड़ों गांवों को बेहतर सड़क सुविधा मिलेगी।
- पूरे रीजन में व्यापार, टूरिज़्म, और रियल एस्टेट में आर्थिक गतिविधियों को बूस्ट मिलेगा ।
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सवाल ये नहीं है कि सिक्स लेन हाईवे बने या नहीं। सवाल ये है कि जब हम विकास की तरफ एक कदम बढ़ा रहे हैं, तो क्या प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए दो कदम उठाए जा रहे हैं ट्रांसप्लांटेशन की प्रक्रिया कितनी सफल होगी, ये देखने वाली बात होगी।