मध्यप्रदेश – किसानों के लिए मूंग-उड़द पर MSP घोषित, बेटियों को ₹5000, श्रमिकों को ₹150 करोड़ की अनुग्रह राशि, लाड़ली बहनों को 1250 रुपये

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मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के चेहरे पर एक बार फिर मुस्कान ला दी है। खरीफ सीजन की दो प्रमुख फसलें मूंग और उड़द अब किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचना का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 जून को इसकी घोषणा की थी, और 16 जून को इसे औपचारिक रूप भी दे दिया गया।

सरकार ने मूंग का MSP ₹8682/क्विंटल और उड़द का ₹7400/क्विंटल तय किया है। किसानों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 19 जून से शुरू हो जाएगी। हालांकि, खरीदी की तारीख का ऐलान अभी बाकी है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब किसानों को बाज़ार की अनिश्चितताओं से सबसे अधिक जूझना पड़ रहा है।

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6,821 श्रमिक परिवारों को ₹150 करोड़ की अनुग्रह राशि

16 जून 2025 का दिन प्रदेश के हज़ारों असंगठित श्रमिक परिवारों के लिए राहत और उम्मीद लेकर आया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संबल योजना के तहत 6,821 पात्र श्रमिक परिवारों को ₹150 करोड़ की अनुग्रह सहायता राशि एक ही क्लिक से उनके खातों में ट्रांसफर की।

इस डिजिटल अंतरण से यह स्पष्ट संदेश गया कि सरकार सिर्फ घोषणाएं नहीं करती, ज़मीन पर कार्य भी करती है। यह राशि उन परिवारों के लिए एक नई ऊर्जा लेकर आई है जो अनियमित आय और आर्थिक असुरक्षा से जूझ रहे थे।

“प्रतिभा किरण योजना” से बेटियों को शिक्षा की उड़ान

राज्य की मेधावी छात्राओं के सपनों को पंख देने के लिए सरकार ने प्रतिभा किरण योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत ऐसे छात्राओं को, जो आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों से आती हैं लेकिन शिक्षा में तेज हैं, हर वर्ष ₹5000 की सहायता राशि दी जाती है।

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यह राशि 10 माह तक हर वर्ष दी जाती है ताकि छात्राओं को कॉलेज, कोचिंग या पढ़ाई के अन्य खर्चों में कोई रुकावट न आए। यह योजना न सिर्फ लड़कियों को आगे बढ़ाने का माध्यम है बल्कि बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ की भावना को भी मज़बूती देती है।

जबलपुर में हुआ लाड़ली बहना योजना की 25वीं किश्त का अंतरण

मध्यप्रदेश की सबसे चर्चित और लोकप्रिय योजना, मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना, ने 16 जून को एक और मुकाम हासिल किया। इस दिन जबलपुर जिले के ग्राम बेलखेड़ा में योजना की 25वीं किश्त का अंतरण किया गया।

यह योजना अब तक लाखों बहनों के जीवन में सार्थक बदलाव लेकर आई है। हर महीने मिलने वाली राशि से महिलाएं न केवल अपने छोटे-मोटे खर्च खुद संभाल रही हैं, बल्कि कई महिलाएं स्वरोज़गार या बच्चों की पढ़ाई में भी इस धनराशि का उपयोग कर रही हैं।

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  • sirjppharmacycollege Logo

    एक लेखिका और रिपोर्टर के रूप में योजनाओं, शिक्षा, रोजगार, कर्मचारियों और सामाजिक विषयों से जुड़े मुद्दों पर सच और संवेदना के साथ लिखती हूँ। मेरी कोशिश  हर लेख पाठकों के दिल से जुड़े और उन्हें सोचने पर मजबूर कर दे।

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