मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को जबलपुर जिले के आदिवासी ब्लॉक कुंडम (कुंडेश्वर धाम) में विकास की एक नई कहानी लिखी। सांदिपनी विद्यालय और नवीन आईटीआई भवन के लोकार्पण के साथ-साथ सीएम ने एक और ऐतिहासिक घोषणा की गौर नदी पर 1400 करोड़ रुपए की लागत से बांध निर्माण।
यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि आदिवासी क्षेत्रों के भविष्य को आकार देने वाला निर्णय है। इस प्रोजेक्ट से न केवल कुंडम, बल्कि मंडला जिले के गांवों को भी सीधा लाभ मिलेगा।
रोज़गार, शिक्षा और समृद्धि की ओर एक कदम
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को चेक वितरण भी किया। उन्होंने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार सिर्फ वादे नहीं करती उन्हें जमीन पर उतारने में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा हम खेती के साथ-साथ औद्योगीकरण को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ खेतों की हरियाली नहीं बल्कि लोगों के जीवन में समृद्धि लाना है।
लाड़ली बहनों के लिए भी बड़ी घोषणा
मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना योजना को लेकर भी भावनात्मक जुड़ाव दिखाया। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन से इस योजना में और वृद्धि की जाएगी जिससे बहनें अपनी ज़रूरतें पूरी कर सकें।
शिक्षा को और ऊपर ले जाने का लक्ष्य
कुंडम में बनाए गए सांदिपनी विद्यालय को लेकर सीएम ने भावुक होते हुए कहा हम चाहते हैं कि यह विद्यालय विश्वस्तरीय संस्थान बने। यहां पढ़ने वाले बच्चे दुनिया भर में अपनी पहचान बना सकें। उन्होंने विद्यालय परिसर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत नीम का पौधा भी लगाया यह कदम केवल पर्यावरण के लिए नहीं बल्कि भावनात्मक जुड़ाव और संस्कृति से नाता जोड़ने की एक पहल है।
आईटीआई भवन का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के बच्चे अब हुनर सीखकर न केवल स्वावलंबी बनेंगे बल्कि रोज़गार के नए अवसर भी खोज सकेंगे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने 5 हजार साल पहले भी शिक्षा की महत्ता बताई थी। हमारी संस्कृति में शिक्षा सिर्फ ज्ञान नहीं बल्कि चरित्र और आत्मबल का आधार है।
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कार्यक्रम में शामिल हुए जनप्रतिनिधि
इस गरिमामयी कार्यक्रम में कई गणमान्य लोग मौजूद रहे जिनमें विधायक अजय विश्नोई, अशोक रोहाणी, संतोष बरकड़े, जिला पंचायत अध्यक्ष आशा गोंटिया, भाजपा ग्रामीण अध्यक्ष राजकुमार पटैल और नंदनी मरावी प्रमुख थे।