सरकार ने किसानों को सरकारी योजनाओं और कृषि से जुड़ी जानकारियाँ मोबाइल पर उपलब्ध कराने के लिए एक नया ऐप लॉन्च किया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने बीते 19 मई को “बिहार कृषि” मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया। इसके साथ ही खरीफ महाभियान 2025 की भी शुरुआत की गई, जिसमें राज्यभर के किसानों को खेती से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
मोबाइल ऐप से अब किसानों को सारी जानकारी
“बिहार कृषि” ऐप के जरिए किसान अब कई सुविधाएं सीधे अपने फोन/ मोबाइल पर पा सकेंगे। इसमें किसान पासबुक, फसलों के बाजार भाव, पौध सुरक्षा, मिट्टी की जांच, मौसम की जानकारी और कृषि विभाग की ताज़ा सूचनाएं शामिल हैं। इसका मकसद किसानों को सरकारी योजनाओं की जानकारी पारदर्शी और आसान तरीके से देना है, ताकि वे सही समय पर उसका लाभ उठा सकें।
315 नए प्रखंड उद्यान पदाधिकारी हुए नियुक्त
राज्य सरकार ने बागवानी योजनाओं के बेहतर संचालन के लिए 315 प्रखंड उद्यान पदाधिकारियों की नियुक्ति की है। इन्हें बिहार लोक सेवा आयोग से अनुशंसा के बाद कृषि विभाग ने नियुक्त किया है। इन पदाधिकारियों का काम होगा किसानों तक योजनाओं को पहुँचाना और उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन देना।
62 अनुमंडल कृषि भवनों का शिलान्यास, मिलेगा एक छत के नीचे समाधान
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने 55.26 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 62 अनुमंडल स्तरीय कृषि भवनों का भी शिलान्यास किया। इन भवनों में किसानों को एक ही जगह सभी सुविधाएं मिलेंगी। जैसे योजनाओं की जानकारी, तकनीकी सलाह, आवेदन सहायता, और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की प्रक्रिया। इससे किसानों और सरकार के बीच संवाद बेहतर होगा और फैसले जल्दी लिए जा सकेंगे।
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खरीफ महाभियान 2025: राज्यभर में प्रचार वाहन रवाना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने खरीफ महाभियान 2025 की शुरुआत की और इस मौके पर 20 प्रचार और बीज वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये वाहन किसानों को खरीफ फसलों से जुड़ी योजनाओं, तकनीकों और सरकारी सहायता के बारे में जानकारी देंगे। आधुनिक एलईडी प्रचार वाहनों के ज़रिए जिलों में जाकर किसानों को जागरूक किया जाएगा।
भोजपुर में कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय का निर्माण शुरू
इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने भोजपुर के हसनपुर में बनने वाले कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय का भी शिलान्यास किया। यह कॉलेज 144.72 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा और इसमें हर साल 60 छात्रों को बी.टेक. (एग्री इंजीनियरिंग) में दाखिला मिलेगा। इस कॉलेज का उद्देश्य है युवाओं को खेती से जुड़े तकनीकी और इंजीनियरिंग शिक्षा देना। साथ ही यह कॉलेज रिसर्च और ट्रेनिंग का केंद्र भी बनेगा।
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