Old Pension Scheme: पेंशन एक ऐसा शब्द जो हर सरकारी कर्मचारी के मन में रिटायरमेंट की सुरक्षा का भाव भरता है। लेकिन जब यह अधिकार ही सवालों में घिर जाए तब बात सिर्फ पेंशन की नहीं न्याय की बन जाती है। Old Pension Scheme (OPS) से जुड़े एक ऐसे ही अहम मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है, जिससे संविदा कर्मचारियों को राहत की एक नयी उम्मीद मिली है।
समझिये क्या है पूरा मामला
यह केस उन कर्मचारियों से जुड़ा है जिन्होंने पहले संविदा (Contract) पर काम किया और बाद में उन्हें नियमित किया गया। कुछ कर्मचारियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया कि उन्होंने 1987 में कार्य शुरू किया था और 1995 में सरकारी आदेश पर अस्थायी रूप से नियुक्त भी कर दिए गए थे लेकिन उन्हें सरकार ने 2008 में जाकर पक्का किया।
सरकार ने उन्हें New Pension Scheme (NPS) के अंतर्गत रखा क्योंकि उनकी नियमित नियुक्ति 2005 के बाद हुई। जबकि कर्मचारियों का साफ कहना था कि हमारी मौलिक नियुक्ति 2005 से पहले हुई थी, इसलिए हमें Old Pension Scheme का लाभ मिलना चाहिए।
हाईकोर्ट ने क्या कहा
जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रवीण कुमार गिरी की बेंच ने सरकार की दलील को खारिज करते हुए कहा कि अगर किसी कर्मचारी की नियुक्ति 2005 से पहले हुई है और केवल सरकारी प्रक्रियाओं की देरी के कारण उसे नियमित करने में समय लगा तो उस कर्मचारी को पुरानी पेंशन योजना से वंचित नहीं किया जा सकता।
इसे भी पढ़ें – लाड़ली बहनों को नहीं मिलेगा 10 तारीख को 1250 रुपये, हो गया बड़ा बदलाव
यानी कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि गलती सरकारी प्रक्रिया की है न कि कर्मचारी की और इसका खामियाजा किसी कर्मचारी को नहीं भुगतना चाहिए। यह पूरा मामला प्रयागराज नगर निगम में कार्यरत अवर अभियंताओं (Junior Engineers) से जुड़ा है –
- चंद्र कुमार यादव
- विनय कुमार सक्सेना
- कृष्ण मोहन माथुर
- सुरेश चंद्र लवड़िया
इन सभी को पहले संविदा पर नियुक्त किया गया था और बाद में अस्थायी पद पर रखा गया लेकिन इन्हें नियमित करने में सरकार ने वर्षों लगा दिए। अब कोर्ट ने इन सभी कर्मचारियों के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि उन्हें उनकी पहली नियुक्ति की तारीख से ही पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए।
जानिए क्या है इसका फैसले का असर
यह फैसला न केवल इन चार अभियंताओं के लिए राहत है, बल्कि पूरे देश के उन हजारों कर्मचारियों के लिए उम्मीद की किरण है जो Contract से Regular बने हैं लेकिन OPS से वंचित किए गए। यह फैसला न्याय में देरी न्याय से वंचित नहीं कर सकती वाली सोच को एक नया आयाम देता है। Old Pension Scheme को लेकर देशभर में जो आवाजें उठ रही थीं उन्हें अब न्यायपालिका ने नई आवाज दे दी है।
इसे भी पढ़ें – मध्य प्रदेश सरकार ने की किसानों के लिए बड़ी घोषणा, प्रति हेक्टेयर मिलेंगे 3900 रुपये